core
- 251 Posts
- 0 Comment
संघर्ष वर्तमान से है वर्तमान उथल-पुथल है वर्तमान शून्य से पैदा हुआ है सुख और दुःख है वर्तमान पूरी तरह चेतन अवस्था है जबकि ध्यान और ध्यान से थोडा आगे समाधी अवचेतन है।
वास्तव में वर्तमान ही समाधी की तरफ का मार्ग है ।प्रकाश चेतन में भी है और अवचेतन में भी है बस अनुभूति अलग-अलग है दृश्यता अलग है। चेतन संवेदनशील है पर अवचेतन अतिसंवेदनशील है।
Read Comments