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आज जीवंत है वह तब तक जीवंत है जब तक हम चेतन हैं चेतन तब तक हैं जब तक हम गहरी निंद्रा में नहीं जाते हैं।
आज से यदि दुःख मिला तो वह दुःख तब तक है जब तक चेतन हैं और यदि आज से सुख मिला तो वह सुख तब तक है जब तक चेतन हैं।
महत्त्व चेतन अवस्था का है।चेतना को खोना या अवचेतन में डूबना मतलव सुख से प्राप्त आनंद को समाप्त करना है परंतु
अवचेतन में डूबना मतलव दुःख से प्राप्त कष्ट को कम करने जैसा है।
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