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यदि ब्रेन के उस हिस्से का अनुप्रयोग हो सके ? ब्रेन के जिस पार्ट में “”सपने फ्लेस”” होते हैं तो उसके अनुप्रयोग से एक अनोखी टाइप की डिपिक्सन हो सकती है जबकि ह्यूमन ब्रेन का वह पार्ट ह्यूमन के सेल्फ कंट्रोल से बाहर होता है ब्रेन के उस पार्ट का अनुप्रयोग ह्यूमन अपनी लाइफ को सरल और बेहतर बनाने के लिए नई कंफर्मेसन की तरफ जा सकता है
क्योंकि ब्रेन का वह पार्ट ओटोमेटिक डिजाइनिंग करता है और वे डिजाइनिंगस बहुत कॉंप्लिकेटेड होती है जिन्हें सामान्यतः समझना बेहद कठिन होता है क्योंकि कभी कभी उस तरह की डिपिक्सन में पास्ट ,प्रिजेंट, फ्यूचर और ट्रांसेंडेंटल की मिक्सिंग होती है ।
उदाहरण के लिए
(i) किसी दिन नींद में यदि आप का “”कान “” दबा हुआ है तो सपने में आप लगातार दर्द महसूस करते रहते है और जो सपना आप देख रहे होंगे उसमे आप हो सकता है किसी को बात करते हुए सुन रहे है तथा आप चप्पल पहने है जिसमे बहुत सारे कांटे है आप एक एक काँटा निकाल रहे है परन्तु पेर का दर्द कम नही हो रहा है फिर आप अंतिम काँटा निकालने बाले होते है और नीँद खुल जाती है
अभिप्राय यह हुआ की सब-कोंसियस ब्रेन ने सपने में कान को मोबाइल से और दर्द को पेर के पंजे से एसोसियेट कर दिया ।
जबकि सपने जब ट्रांसेंडेंटल होते है तो आप सपने में बाथरूम में होते है और बाथरूम सेक करती है आप घबड़ाते है और नींद खुल जाती है जबकि बाथरूम का मतलब पकिस्तान भी हो सकता है और पकिस्तान में भूकम्प आने बाला होता है और आप टीवी ओन करते है और न्यूज़ में देखते हैं की पकिस्तान में अभी अभी भूकंप आया है ।
खेर ये उदाहरण थे जिनका रियल लाइफ से सम्बन्ध हो सकता है या नही भी हो सकता है जबकि सभी को सपने याद नही रहते है और सामान्यतः जो सपने याद रहते हैं वे सपने नींद खुलने से ठीक एक या दो या तीन मिनिट पहले के होते है जिस पीरियड में ब्रेन सब-कोन्सियस से कोन्सियस स्टेट में जाने बाला होता है और जनरली वह पीरियड सुबह का हो सकता है ।
हालाकि ब्रेन का “”ड्रीमिंग पार्ट “” बहुत पावरफुल होता है और वह् हाई या लो इंटेंसिटी की फ्रीक्वेंसी से इमेजिनेसन और थिंकिंग करता है जिसे कॉन्सियस माइंड सोच तथा कल्पना नही सकता जबकि वह उसे मूववेवल पिक्चर में कन्वर्ट करता है जिस पर ह्यूमन का कंट्रोल नही होता है और यदि उस सब-कोन्सियस ब्रेन पर यदि ह्यूमन का कॉंट्रोल होने लगे तो वह आने बाले भविष्य में किसी भी तरह की “प्रॉब्लम सॉल्विंग”” के लिए
एक एप्लीकेसन सिद्ध हो सकती है ।

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