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ऐंसा इस दुनिया में क्या हो सकता है ? की हर एक इंसान का मनोविज्ञान,अवधारणा ,विचार ,कल्पनायें और सोच तथा समझ अलग अलग होती है ?
जबकि इंसान के ब्रेन का सेपरेट वेट सभी में एक समान होता है यदि उसे तोला जाए ? और इंसान न्यूरोलॉजिकली एक समान होते हैं जबकि सभी के विचारों में किसी न किसी एक मेटर के बीच कंट्राडिक्सन होता है ।
हालाकि थम्ब साइन सभी के अलग अलग होते हैं परंतु थम्ब साइन का इंसान के मनोविज्ञान से कोई तात्पर्य नही है या उसका उसके
व्यक्तिगत मनोविज्ञान से कोई रिलेसन नही होता है ।
जबकि क्रोमोसोम का इम्पैक्ट किसी को मेल या किसी को फीमेल में कन्वर्ट करता है या मेल तथा फीमेल होने का कारण क्रोमोसोम होते हैं इसलिए मेल ,मेल जैसा सोचता है जबकि फीमेल , फीमेल जैसी सोचती हैं और उनके एक्टस भी उनके अपने जेनर जैसे अलग अलग होते हैं परन्तु यह भी किसी के मनोविज्ञान के अलग अलग होने का कारण नही हैं ।
(i) जबकि हर एक इंसान ऑक्सीजन ,वाटर ,सन लाइट ,की मात्रा समान रूप से ग्रहण करता है और उनका वितरण सभी के लिए उनकी आवश्यक्ता के अनुरूप है जबकि दुनियां में जन्मे किसी भी मनुष्य के लिए ऑक्सीजन ,वाटर और सन लाइट का अभिप्राय ऑक्सीजन ,वाटर और सन लाइट ही होता है किसी भी कंडीसन में ये एलिमेंट्स सभी के लिए अलग अलग इम्पेक्ट नही डाल सकते हैं ।
(ii) एक ही माता-पिता की संतानें एक समान अवधारणा की नही होती है उनमे भी वैचारिक मतभेद होते हैं जबकि
माता-पिता के जीन्स अपने बच्चों में समान होते हैं।
(iii) किसी क्लास रूम में पढ़ने बाले 50 बच्चे समान अंक नही लाते जबकि उन्हें एक ही टीचर ,
टीच करता है ।
(iv) जबकि धर्म को लेकर इंसान का सामूहिक मत एक समान हो जाता है या हो सकता है परन्तु समान धर्म को मानने बाले समान रूप से प्रोग्रेस नही करते है ।
(v) या जिनेटिक उसका कारण है ? या न्यूरोन्स उसका कारण हैं ? या बॉडी सेन्स उसका कारण हैं ? की हर एक इंसान की अपनी अपनी अवधारणाएं और विचार होते हैं ।
(v) दुनियां में ऐंसे अनेको बच्चे होते हैं जिनका जन्म एक ही समय पर होता है परन्तु उन एक ही समय में पैदा होने बाले बच्चे भी अलग अलग समय पर मृत होते हैं ।
(vi) दुनियां में धार्मिक तथा सांस्कृतिक मतआंतर हो सकते है या हैं परन्तु धार्मिक मतआंतर किसी की साईकोलोजी को कण्ट्रोल नही कर पाते है हालाकि धर्म किसी भी इंसान की सोच को एकीकृत तथा संकुचित करता है या डीमारकेसन करता है ।

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