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आप के रूप में आपके माता-पिता को सबसे बड़ा सहारा मिलता है,परंतु अधिकाँश लोगो को यह बात तब समझ आती है जब वे किसी के माता-पिता बनते है जबकि जब
आप किसी इंसान ,जानबर ,पक्षी आदि या मूर्त और अमूर्त के बारे में चर्चा(बातें)करते है तब चर्चा बुरी होगी या अच्छी होगी ,
क्योंकि संसार में किसी की चर्चा(बातें )का तीसरा कोई विकल्प नही होता है ।
हलाकि संसार के सबसे कमजोर इंसान आप होते है ? इसलिए आप हरपल सहारा चाहते है
परंतु सारे
बदलाब सिर्फ सोने के बाद आते हैं ,जागने के बाद आप उन बदलाबों को जीनेे लगते हैं और वे बदलाब अच्छे हैं या बुरे यह सिर्फ जागने के बाद पता चलता है जबकि
सोते हुए इंसान को किसी की जरूरत नही होती है यधपि समस्या जागते हुए के साथ होती है।
जब आप किसी के लिए नही होते है ? तो आप उसके लिए होते हैं जिसका कोई भी नही है ,समन्दर किनारे अक्सर प्यासे होते हैं
संसार का मृत्यु से बड़ा सच है कि आपको अपना ही किसी दिन आग लगाएगा और आप को पता भी नही होगा?
जब आप खुद से मिलते हो ? तब दुनिया से अलग हो जाते हो ।

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